लेखनी कहानी -01-Jun-2022 डायरी जून 2022
अग्निपथ योजना बनी हिंसापथ
डायरी सखि,
आजकल सरकार की हर नई योजना का विरोध करना जैसे कुछ लोगों का "धर्म" बन गया है । चाहे CAA का विरोध हो, किसान बिलों का विरोध हो या अब ये "अग्निपथ" योजना का विरोध हो । विपक्षी दलों ने तो कमर कस ली है कि वे हर उस योजना का विरोध करेंगे जो देश को उन्नति की ओर ले जाने वाली हो । विश्व में देश की साख बढाने वाली हो और खुशहाली के दरवाजे खोलने वाली हो । एक राजनीतिक दल , व्यक्ति के विरोध में या सत्ता के लालच में ये विपक्षी दल इस हद तक गिर जायेंगे कि देश में आग लगा देंगे । पत्थरबाजी करवाकर हिंसा करवा देंगे । सौ दो सौ निर्दोष मासूमों की जान ले लेंगे । सरकारी संपत्ति को नष्ट करवा देंगे ।
इसमें दोष सरकार का भी है जो ऐसे लोगों के विरुद्ध कोई कठोर कदम नहीं उठाती है । जिससे इन असामाजिक तत्वों के हौसले बढते जाते हैं । न्यायालय भी इनके प्रति उदार रुख अपनाते हैं । इसी उदारवादी नीति का परिणाम है कि पहले "शाहीन बाग" हुआ । देश CAA के विरोध में हिंसा की आग में झुलसा । फिर तथाकथित किसान आंदोलन के नाम पर डेढ साल तक दिल्ली को बंधक बनाकर रखा गया । सरकार और सुप्रीम कोर्ट मूक दर्शक बनकर तमाशा देखते रहे और अराजक तत्व खुलेआम गुंडई करते रहे ।
यही हाल अब इस "अग्निपथ" योजना का हो रहा है । सरकारी संपत्ति को आग लगाई जा रही है । ट्रेनों पर पत्थर फेंके जा रहे हैं और जगह जगह हिंसक आंदोलन किये जा रहे हैं । ऐसे लोगों से जब तक कठोरता से पेश नहीं आओगे तब तक ये असामाजिक तत्व ऐसे ही उपद्रव करते रहेंगे । "बाबा" ने एक तरीका बताया है इस प्रकार के असामाजिक तत्वों से निबटने का । अगर उस रास्ते से चलेंगे तो इन दंगों पर काबू किया जा सकेगा अन्यथा देश ऐसे ही तत्वों के हाथ में खेलता नजर आयेगा ।
हरिशंकर गोयल "हरि"
17.6.22
Radhika
09-Mar-2023 12:44 PM
Nice
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Gunjan Kamal
06-Mar-2023 08:54 AM
Nice 👍🏼
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Pallavi
18-Jun-2022 09:06 PM
Nice
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